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हत्यारे पुलिस वाले

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 "विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र Vs विश्व का सबसे पुराना लोकतंत्र"                                             👇 इस हेडिंग का मतलब क्या है मैं कुछ एग्जांपल के साथ समझाना चाहूंगा, अमेरिका का एक शहर नाम "मिनिएसोटा" में 2 अमेरिकी पुलिस कर्मियों द्वारा एक अश्वेत व्यक्ति को मार दिया जाता है परिणाम स्वरूप पूरा अमेरिका सड़को पर आ जाता है और अमेरिका पुलिस घुटनों पर बैठ माफी मांगनी पड़ती है यह मैं विश्व के सबसे ताकतवर और पुराने लोकतंत्र अमेरिका की बात कर रहा हु, अब बात करते है भारत के पुलिस की...... आरोपों के अनुसार गोरखपुर में 6 पुलिस वाले आधी रात को नशे की हालत में एक होटल में घुसते है  मनीष गुप्ता जो की सो रहे होते है उनको जबरन उठाया जाता है वो पुलिस वालो से उठाने और इतनी रात को चेकिंग करने का कारण पूछते है फिर क्या था पुलिस ताबातोड़ उनपर लात - घुसो की बारिश कर देती है बंदूक के बट से उनके सिर पर वार किया जाता है सिर से खून बहने के कारण गुप्ता जी की मौत हो जाती है मामला बढ़ता...

जो मुसलमानों ने बोया वो काट रहे है

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 जो बोया वो काट रहे हो,14 अगस्त इसका मिसाल है, कट्टरपंथियों के वजह से हजारों - लाखों जानें गई थी देश के बटवारा में,छीन के रहेंगे पाकिस्तान का नारा फिर कत्लेआम ये सारी चीज़े हिंदू - मुस्लिम में दरार पैदा कर दी थी जिसकी कीमत आज मुसलमान चुका रहा है  कानपुर की घटना इसका उदाहरण है, जब एक बच्ची चिल्ला रही है पापा को न मारो पापा को न मारो फिर भी कुछ गुंडे जबरदस्ती जय श्री राम का नारे लगवा मार रहे है , और आज जो हालत है ये दर्शाता है की को सनातनी ( हिंदू) जो सर्वे भवन्तु सुखिन जानता था  जो गंगा जमुनी तहजीब मानता था , आज वो भी कट्टर हो गया है और यही हालात रहा तो यह देश हिंदू पाकिस्तान बनने के तरफ अग्रसर है , जब आप इसकी जड़ में जायेंगे तो काफी कमियां नजर आएंगी , चाहे कश्मीर में हुआ नर संहार हो या गुजरात कांड से पहले गोधरा मे आग 54 कार सेवकों को जिंदा जलाना , समस्या यह है की मुसलमान जब तक अपना आदर्श , आजम खां, ज़ाकिर नाइक, ओवैसी भाइयों में ढूढेगा , उसका रिएक्शन हिंदू और कट्टर होता जायेगा जो दुनिया का सबसे सहिशुन माना जाता था, मै जब भी आरिफ मोहम्मद साहब को सुनता, देखता हु तो लगता है क...

उत्तरप्रदेश में लोकतंत्र की हत्या

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आप उत्तरप्रदेश में गुंडाराज को लेकर विपक्ष को घेरने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते.... लेकिन ज़िला पंचायत अध्यक्ष एवम् ब्लॉक प्रमुख के चुनावों में जो भयावह स्थिति देखने को मिली है इसका कसूरवार कौन ? लगभग 15 से 20 जिलों में भयंकर नजारा देखने को मिला है इन चुनावों में कहीं मारपीट की खबरे आई ,तो कही लाठी चार्ज व गोलियां चलने की  राम राज्य में विपक्ष की महिला प्रत्याशी के साड़ी खोलने की वीडियो तक सामने आ चुकी है  एबीपी के पत्रकार को रिपोर्टिंग करते हुए पीछे से हमला होता है उसे घायल कर दिया जाता है की वो वीडियो ना बना सके और लोकतंत्र की हत्या का खेल चलता रहे , आजतक के पत्रकार को मारा जाता है इसके हाथ से खून आने लगता है जिन पत्रकारों के हाथ में लोकतंत्र में कलम की ताकत दी, जिन हाथों से वो खबरे लिखते है माइक पकड़ खबरें सुनाते है ,उन हाथो को योगी राज्य में काटा जा रहा है, प्रत्याशियों के पर्चा छीना जाता है , उनके पर्चे फाड़ दिए जाते है और कानून के रक्षक वहा मूक दर्शक बने रहते है  तो साहब लोकतंत्र कहा रह गई है , आप पत्रकारों को सच दिखाने नही देना चाहते , आप विपक्ष को चुनाव लड़ता नही ...

दहेज प्रथा को कैसे ख़त्म किया जा सकता है

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 कल मैंने कही पढ़ा जो लाइन मुझे अच्छी लगी तो इस फेसबुक के माध्यम से आपतक शेयर करना चाहता हु  लाइन कुछ इस प्रकार थी  अगर कोई औरत बीके तो वेश्या कहलाती है  लेकिन अगर कोई मर्द बिकता है तो वो दूल्हा हो जाता है और सम्मान का भागीदार बन जाता है ऐसा क्यों ? देखिए समस्या क्या है हम लाख दहेज़ प्रथा को लेकर लड़के को उसके मां - बाप को कोश ले लेकिन सच्चाई है अगर दूल्हा बिकने को तैयार है तो तमाम खरीदार लाइन लगा  लोगो से सोर्स लगाकर अगर सरकारी नौकरी में लड़का है तो इसी बेटी का बाप दहेज रूपी बोली लगाना चालू कर देता है  समस्या का जड़ यह है कि इस देश में उन जगहों पर दहेज प्रथा ज्यादा है जहां - जहां लड़की का बाप अपने बेटी के साथ अन्याय करता है अगर एक बाप अपनी बेटी को बेटा के समान अपने प्रॉपर्टी में हिस्सा देने लगे तो दहेज प्रथा का अंत हो जाएगा लेकिन सच्चाई यह है कि अधिकांश जगह लड़की का बाप दहेज देकर लड़की को चाय में पड़ी मक्खी जैसा निकाल फेंकता है उसे बचपन से ही पराए घर की अमानत बता ना ही लड़की का बाप अपना नाम देता है ना ही कोई हिस्सा जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है की लड़की को...

बढ़ती मंहगाई (पेट्रोल के दाम 100पार )

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  पेट्रोल के बढ़ते कीमतों को लेकर देख रहा हूं कुछ अंधभक्तों द्वारा तमाम तर्क दिए जा रहे है जैसे १- देश हित मे हम 100 क्या 500रुपए लीटर भी पेट्रोल मिले डलवाएंगे २- दारू का पौवा 125 का पी सकते हो 100 का तेल नहीं डलवा सकते , ३- कांग्रेस के समय में 2013 में 90 रुपया पेट्रोल के दाम थे तो अब 9 साल बाद केवल 10 रुपए बढ़े है तो चमचों को उसपर भी आपत्ति है  4- कांग्रेस के समय में आर्मी के पास बुलेप्रूफ जैकेट, बुलेप्रूफ गाडियां वगैर ना थी उन्हे खरीदने में ये पैसा लिया जा रहा है  मतलब इस तरह के तर्क देकर आप पेट्रोल के कीमत को जस्टिफाई करने की कोशिश कर रहे है  आप एक रुपए की टॉफी भी लेते है तो वह टैक्स के साथ ही मिलता है इंडायरेक्ट टैक्स हर कोई देता है  बदले में हमें महंगाई , सुरक्षा, सम्मान,शिक्षा, भुखमरी, आदि का भरोसा सरकार से चाहिए होता है और अगर सरकार आर्मी के लिए जैकेट या देश हित के लिए कोई कार्य कर रही है इसका ये मतलब नहीं कि आप 100रुपए पेट्रोल कर गरीबों का खून चूसना चालू कर दे आपका कर्तव्य है देश हित मे कार्य करना,  लेकिन इस देश की 99% आबादी जो गरीब या मिडिल क्लास ...