बढ़ती मंहगाई (पेट्रोल के दाम 100पार )

 

पेट्रोल के बढ़ते कीमतों को लेकर देख रहा हूं कुछ अंधभक्तों द्वारा तमाम तर्क दिए जा रहे है

जैसे

१- देश हित मे हम 100 क्या 500रुपए लीटर भी पेट्रोल मिले डलवाएंगे

२- दारू का पौवा 125 का पी सकते हो 100 का तेल नहीं डलवा सकते ,

३- कांग्रेस के समय में 2013 में 90 रुपया पेट्रोल के दाम थे तो अब 9 साल बाद केवल 10 रुपए बढ़े है तो चमचों को उसपर भी आपत्ति है 

4- कांग्रेस के समय में आर्मी के पास बुलेप्रूफ जैकेट, बुलेप्रूफ गाडियां वगैर ना थी उन्हे खरीदने में ये पैसा लिया जा रहा है 


मतलब इस तरह के तर्क देकर आप पेट्रोल के कीमत को जस्टिफाई करने की कोशिश कर रहे है 

आप एक रुपए की टॉफी भी लेते है तो वह टैक्स के साथ ही मिलता है इंडायरेक्ट टैक्स हर कोई देता है 

बदले में हमें महंगाई , सुरक्षा, सम्मान,शिक्षा, भुखमरी, आदि का भरोसा सरकार से चाहिए होता है और अगर सरकार आर्मी के लिए जैकेट या देश हित के लिए कोई कार्य कर रही है इसका ये मतलब नहीं कि आप 100रुपए पेट्रोल कर गरीबों का खून चूसना चालू कर दे आपका कर्तव्य है देश हित मे कार्य करना,

 लेकिन इस देश की 99% आबादी जो गरीब या मिडिल क्लास है आप उसको अनदेखा नहीं कर सकते 



प्रधानमंत्री जी आते है मन की बात में आयात - निर्यात का सगुफा छोड़ चले जाते है अरे साहब आप प्रधानमंत्री 2014 में बने आज 7 साल होने को आया आपके पार्टी के सारे नेता मानते है आप दूरदर्शी है तो क्या अपको इस बात को ज्ञान नहीं हुआ कि आयात - निर्यात में जो भी अनिश्चिताए है उससे आगे चल आम जनता को नुक्सान होगा साहब 7 साल हो गए बीजेपी की सरकार बने कब तक आप कांग्रेस को कोसते रहेंगे !!

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