उत्तरप्रदेश में लोकतंत्र की हत्या
आप उत्तरप्रदेश में गुंडाराज को लेकर विपक्ष को घेरने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते....
लेकिन ज़िला पंचायत अध्यक्ष एवम् ब्लॉक प्रमुख के चुनावों में जो भयावह स्थिति देखने को मिली है इसका कसूरवार कौन ?
लगभग 15 से 20 जिलों में भयंकर नजारा देखने को मिला है इन चुनावों में कहीं मारपीट की खबरे आई ,तो कही लाठी चार्ज व गोलियां चलने की
राम राज्य में विपक्ष की महिला प्रत्याशी के साड़ी खोलने की वीडियो तक सामने आ चुकी है
एबीपी के पत्रकार को रिपोर्टिंग करते हुए पीछे से हमला होता है उसे घायल कर दिया जाता है की वो वीडियो ना बना सके और लोकतंत्र की हत्या का खेल चलता रहे ,
आजतक के पत्रकार को मारा जाता है इसके हाथ से खून आने लगता है जिन पत्रकारों के हाथ में लोकतंत्र में कलम की ताकत दी, जिन हाथों से वो खबरे लिखते है माइक पकड़ खबरें सुनाते है ,उन हाथो को योगी राज्य में काटा जा रहा है,
प्रत्याशियों के पर्चा छीना जाता है , उनके पर्चे फाड़ दिए जाते है और कानून के रक्षक वहा मूक दर्शक बने रहते है
तो साहब लोकतंत्र कहा रह गई है , आप पत्रकारों को सच दिखाने नही देना चाहते , आप विपक्ष को चुनाव लड़ता नही देखना चाहते, जहा वो चुनाव लडने की कोशिश कर रहा है वहा आप साम दाम दंड भेद सब अपना बस जितना चाहते हो ,
आप सत्ता के लोभ में इतने स्वार्थी हो गए है की सविधान एवम् लोकतंत्र दोनो को ताक पर रख दिया है |
जिन IAS , IPS को संविधान की कसम खिला संविधान और कानून के रक्षा के लिए जिलों में भेजा जाता है जिन पर लोकतंत्र बचाने की जिम्मेदारी होती है आज वो सफेदपोशों के इशारों पर नाच रहे है ये लोकतंत्र के लिए शर्म की बात है जिन जनता के टैक्स पर ,जनता के नौकर बनकर जिलों में जनता के सेवा के लिए भेजा जाता है अब ये लोकसेवक नही कठपुतली मात्र हो गए है
आप और हम हाथ में चूड़ियां पहन लोकतंत्र को लूटते हुए बस देख रहे है एक दौर हुआ करता था जब पत्रकार सम्मान का शब्द होता है आज उन्हे दलाल कहा जाता है उसके दोषी हम और आप है ,
आज एक आजतक के पत्रकार का हाथ काट दिया जाता है उत्तरप्रदेश ब्लॉक प्रमुख के चुनाव को कवर करते हुए लेकिन एक बार भी आजतक चैनल के द्वारा उत्तरप्रदेश सरकार से अपने रिपोर्टर के साथ हुए अन्याय पर सवाल नही पूछा जाता ,
ना ही ये बड़े चैनल राज्यपाल से सवाल पूछने की हिम्मत करेंगे राज्यपाल प्रदेश के संवैधानिक प्रमुख होते है लेकिन इन 2 चुनाओ को देखे तो उत्तरप्रदेश में संविधान को तार - तार कर दिया गया लेकिन राज्यपाल महोदया के मुंह से एक शब्द तक नहीं निकला
आपको हमें आगे आना होगा अगर हम सब लोकतंत्र बचाना चाहते है तो वरना बनाना रिपब्लिक ना बन जाए यह अपना उत्तरप्रदेश आने वाले समय में और हम फिर खुद को कोसते रह जाएंगे !
Good kaam
जवाब देंहटाएंWell done ��
Nice ��
Nd topic is also विचार करने वाला��
धन्यवाद :)
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