दहेज प्रथा को कैसे ख़त्म किया जा सकता है
कल मैंने कही पढ़ा जो लाइन मुझे अच्छी लगी तो इस फेसबुक के माध्यम से आपतक शेयर करना चाहता हु
लाइन कुछ इस प्रकार थी
अगर कोई औरत बीके तो वेश्या कहलाती है
लेकिन अगर कोई मर्द बिकता है तो वो दूल्हा हो जाता है और सम्मान का भागीदार बन जाता है ऐसा क्यों ?
देखिए समस्या क्या है हम लाख दहेज़ प्रथा को लेकर लड़के को उसके मां - बाप को कोश ले लेकिन सच्चाई है अगर दूल्हा बिकने को तैयार है तो तमाम खरीदार लाइन लगा
लोगो से सोर्स लगाकर अगर सरकारी नौकरी में लड़का है तो इसी बेटी का बाप दहेज रूपी बोली लगाना चालू कर देता है
समस्या का जड़ यह है कि इस देश में उन जगहों पर दहेज प्रथा ज्यादा है जहां - जहां लड़की का बाप अपने बेटी के साथ अन्याय करता है अगर एक बाप अपनी बेटी को बेटा के समान अपने प्रॉपर्टी में हिस्सा देने लगे तो दहेज प्रथा का अंत हो जाएगा लेकिन सच्चाई यह है कि अधिकांश जगह लड़की का बाप दहेज देकर लड़की को चाय में पड़ी मक्खी जैसा निकाल फेंकता है उसे बचपन से ही पराए घर की अमानत बता ना ही लड़की का बाप अपना नाम देता है ना ही कोई हिस्सा जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है की लड़की को भी बाप के प्रॉपर्टी में लड़के के समान ही हक़ है
समस्या यह भी है तमाम लड़किया दहेज को लेकर लड़के के परिवारों पर उंगली तो उठा देती है लेकिन अपने पिता से हक़ मांगते में पिछे रह जाती है जिससे दहेज प्रथा का जन्म होता है यही लड़किया जब बहु बनकर जाती है तो लड़के के भाई या मां - बाप से अगर प्रॉपर्टी की लड़ाई हो तो हक़ के लिए पति के कदम से कदम मिला लड़ जाति है लेकिन जब अपने पिता से हक़ की बात होती है तो पीछे कदम हटा लेती है तो मेरा बस यह कहना है कि आप जिस हक़ से अपने पतियों के परिवार से पति के हक के लिए लड़ते हो अपने बाप से अपने हक भी ले लो क्युकी आपका हक मिलते ही दहेज का अंत हो जाएगा बाप बोल देगा लड़के वालो से मैंने एक हिस्सा अपने बेटी को दे रखा है अब उसे बेचकर शादी करे या उसे बचाकर जीवन में आगे किसी आपदा के लिए रखे अब यह जिम्मेदारी लड़की की है
इससे 2 फ़ायदे होंगे लड़के वालों को यह स्पष्ट हो जाएगा की जब बाप ने अपनी पूरी कमाई का हिस्सा बेटी को दे ही दिया है तो दहेज मांगता उचित नहीं है और दूसरा बाप के द्वारा लड़की को हिस्सा देने से लड़की का जीवन सुधार जायेगा अगर किसी कारण पति से अलग या तलाक़ की नौबत आती है तो उस प्रॉपर्टी का उपयोग कर लड़की अच्छे से जीवन यापन कर सकती है क्युकी लड़की के मां - बाप के मरने के बाद उसके भैया या भाभी उसकी कितनी इज्जत करेंगे अगर तलाक़ के बाद घर गई यह जग जाहिर है !
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