'ममता के तुच्छ स्वार्थ से हो रही सांप्रदायिक हिंसा'
'ममता के तुच्छ स्वार्थ से हो रही सांप्रदायिक हिंसा'
जिस धरती से विश्वगुरु रवींद्रनाथ टैगोर ने दुनिया को शांति और विश्व वंधुत्व का संदेश दिया था | वो धरती आज हिंसा ,नफरत और साम्प्रदायिकता के लिए कुख़्यात हो चुकी है | बंगाल के वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए बांग्लादेश से आए अवैध मुस्लिम घुसपैठी आँखों के तारे बन चुके है | लेकिन बांग्लादेश मूल की भारत प्रेमी लेखिका तस्लीमा नसरीन इनको फूटे आंख न भांति |
बंगाल में बढ़ते मजहबी उन्माद के कारण कानून - व्यवस्था लचर होती जा रही हैं | जहाँ हिंदुओं को बार बार निशाना बनाया जा रहा है और ममता जी अपने तुच्छ स्वार्थ के कारण अराजक तत्वों के हौसले बुलंद कर रखी है | जिससे बंगाल में बार-बार सांप्रदायिक हिंसा की घटनायें सामने आ रही है | साल के शुरू में मालदा के कालियाचक में और अभी जो कुछ भी घटना बशीरहट में घट रही है, वो ममता बनर्जी के नाकामियों की पोल खोलने के लिए काफी है |
जानी -मानी अमेरिकी पत्रकार जेनेट लेवी ने अपने ताज़ा लेख ममता बनर्जी के मुस्लिमों के प्रति प्रेम को दर्शाया है , उनके लेख के अनुसार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पिछले चुनाव में लगभग पूरी मुस्लिम आबादी ने वोट दिए | तो जाहिर है ममता बनर्जी पर दबाव है तो वो मुस्लिम को खुश करने वाली नीतिया बनाए | इसी के तहत उन्होंने सऊदी अरब से फंड पाने वाले 10 हजार से ज्यादा मदरसो को मान्यता देकर वहा के डिग्री को सरकारी नौकरी के काबिल बना दिया | इसके आलावा मस्जिदों के इमामो को तरह-तरह के वजीफ़े घोषित किये |
इस लेख में यह भी बताया गया है की कैसे संदिग्ध आतंकवाद समर्थको को ममता बनर्जी संसद में भिजवा रही है जून 2014 में ममता ने अहमद हसन इमरान नाम के एक कुख्यात जिहादी को अपने पार्टी के टिकट पर राज्य सभा सांसद बनाकर भेजा | हसन इमरान प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी का सह - संस्थापक रह चूका है |
जेनेट लेवी का यह लेख 'अमेरिकन थिंकर ' मैगजीन में पब्लिश किया गया है |
ममता बनर्जी के मुस्लिम प्रेम का आलम यह है कलकत्ता हाई कोर्ट ने माँ दुर्गा की मूर्तियों के विसर्जन पर लगाए गए अंकुश को अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण का कदम बताते हुए पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को फटकार भी लगा चुकी है.
कहीं ममता का यह मुस्लिम प्रेम और हिंदुओ पर हो रहे लगातार अत्याचार ममता बनर्जी द्वारा बंगाल को इस्लामिक देश बनाने के राह पर बड़ा कदम तो नहीं ?
जिस धरती से विश्वगुरु रवींद्रनाथ टैगोर ने दुनिया को शांति और विश्व वंधुत्व का संदेश दिया था | वो धरती आज हिंसा ,नफरत और साम्प्रदायिकता के लिए कुख़्यात हो चुकी है | बंगाल के वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए बांग्लादेश से आए अवैध मुस्लिम घुसपैठी आँखों के तारे बन चुके है | लेकिन बांग्लादेश मूल की भारत प्रेमी लेखिका तस्लीमा नसरीन इनको फूटे आंख न भांति |
बंगाल में बढ़ते मजहबी उन्माद के कारण कानून - व्यवस्था लचर होती जा रही हैं | जहाँ हिंदुओं को बार बार निशाना बनाया जा रहा है और ममता जी अपने तुच्छ स्वार्थ के कारण अराजक तत्वों के हौसले बुलंद कर रखी है | जिससे बंगाल में बार-बार सांप्रदायिक हिंसा की घटनायें सामने आ रही है | साल के शुरू में मालदा के कालियाचक में और अभी जो कुछ भी घटना बशीरहट में घट रही है, वो ममता बनर्जी के नाकामियों की पोल खोलने के लिए काफी है |
इस लेख में यह भी बताया गया है की कैसे संदिग्ध आतंकवाद समर्थको को ममता बनर्जी संसद में भिजवा रही है जून 2014 में ममता ने अहमद हसन इमरान नाम के एक कुख्यात जिहादी को अपने पार्टी के टिकट पर राज्य सभा सांसद बनाकर भेजा | हसन इमरान प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी का सह - संस्थापक रह चूका है |
जेनेट लेवी का यह लेख 'अमेरिकन थिंकर ' मैगजीन में पब्लिश किया गया है |
ममता बनर्जी के मुस्लिम प्रेम का आलम यह है कलकत्ता हाई कोर्ट ने माँ दुर्गा की मूर्तियों के विसर्जन पर लगाए गए अंकुश को अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण का कदम बताते हुए पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को फटकार भी लगा चुकी है.
कहीं ममता का यह मुस्लिम प्रेम और हिंदुओ पर हो रहे लगातार अत्याचार ममता बनर्जी द्वारा बंगाल को इस्लामिक देश बनाने के राह पर बड़ा कदम तो नहीं ?
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